पेगासस सॉफ्टवेयर क्या होता है: pegasus spyware kya hota hai

what is pegasus spyware and how does it hack phones | pegasus spyware kya hota hai

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Spyware Kya Hai: क्या होता है स्पाइवेयर?

  • (pegasus spyware kya hai in hindi) स्पाइवेयर यह एक प्रकार का मैलवेयर होता है जो डिज़िटल डिवाइस जैसे- कंप्यूटर, मोबाइल, टेबलेट से गुप्त एवं निजी जानकारियाँ चुराने का काम करता है। 

  • यह मोबाइल और कंप्यूटर के हर एक गतिविधि जैसे जीमेल अकाउंट, बैंक डिटेल्स, सोशल मीडिया से लेकर टेक्स्ट मैसेज इन सब (pegasus spyware kya hai in hindi) पर यह नज़र रखता है और वहाँ से डेटा चोरी करके अपने ऑपरेटर तक पहुँचाता है। यही काम होता है स्पाइवेयर का। 

  • इन्हें इस तरह से डिज़ाइन किया जाता है कि यह ज़्यादातर नवीनतम डिवाइस मॉडल और ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ आसानी से जुड़ (pegasus spyware kya hota hai) जाए और डिवाइस यूज़र को डिवाइस में स्पाइवेयर के होने का पता भी न चल सके।

  • कंपनियाँ खुद कई बार अपने कंप्यूटर सिस्टम में स्पाइवेयर डलवाती हैं ताकि ये पता कर सकें कि कंपनी के कर्मचारी अपना काम सही तरीके से कर रहे हैं या नहीं।

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pegasus spyware kya hota hai: पेगासस स्पाइवेयर के बारे में

  • पेगासस एक बहुत ही खतरनाक स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर है। 

  • इस स्पाइवेयर (israeli spy software) सॉफ्टवेयर को इजराइली साइबर सुरक्षा कंपनी NSO (nso full form: ) दुवारा बनाया गया है। 

  • यह (पेगासस स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर) एक ऐसा प्रोग्राम है जो उपयोगकर्त्ताओं के मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियाँ चोरी करता है और उन्हें नुकसान पहुँचाता है।

  • इस स्पाइवेयर के नए version में कोई भी लिंक की आवश्यकता नहीं होती, यह सिर्फ एक मात्र मिस्ड वीडियो काॅल के द्वारा ही इंस्टाॅल हो जाता है। Pegasus Software  Successfully इंस्टाॅल होने के बाद पेगासस ऑपरेटर को फोन से जुड़ी सारी जानकारियाँ प्राप्त हो जाती हैं।

  • पेगासस स्पाइवेयर (pegasus spyware kya hai in hindi) की सबसे अच्छी खासियत यह है कि यह पासवर्ड द्वारा सुरक्षित Devices को भी निशाना बना सकता है और मोबाइल के रोमिंग में होने पर डेटा नहीं भेजता है।

  • किसी भी तरह की जासूसी करने के (what is pegasus scandal india) लिये पेगासस ऑपरेटर एक खास लिंक उपयोगकर्त्ताओं के पास मोबाइल या कंप्यूटर पर भेजता है, जिस पर क्लिक करते ही यह स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर बिना उपयोगकर्त्ताओं की स्वीकृति के बिना स्वयं ही इंस्टाॅल हो जाता है।

  • पेगासस स्पाइवेयर Device का सिर्फ 5% मेमोरी से भी कम प्रयोग करता है, जिससे यूज़र्स को इसके होने या न होने का आभास भी नहीं होता। 

  • यह स्पाइवेयर ब्लैकबेरी, एंड्रॉयड, (pegasus spyware whatsapp) आईओएस (आईफोन) और सिंबियन-आधारित devices को प्रभावित करता है।

  • पेगासस सॉफ्टवेयर (pegasus spy software), मोबाइल में stored information, कम्युनिकेशन एप जैसे व्हाट्सएप और टेलीग्राम के संदेश स्पाइवेयर ऑपरेटर को भेज सकता है।

  • सबसे पहले वर्ष 2016 में पेगासस स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर (what is pegasus spyware) ऑपरेशन पर पहली रिपोर्ट सामने आई थी, जब संयुक्त अरब अमीरात में एक मानवाधिकार कार्यकर्त्ता को उनके आईफोन 6 पर एक एसएमएस लिंक के साथ निशाना बनाया गया था।

How to protect from pegasus spyware software: स्पाइवेयर से बचाव के तरीके

  • किसी भी तरह के स्पाइवेयर की जासूसी से बचने के लिये अपने कंप्यूटर और मोबाइल में एंटी स्पाइवेयर सॉफ्टवेयर का इनस्टॉल होना चाहिए और इस्तेमाल करने के साथ ही समय-समय पर इसे अपडेट भी करते रहना चाहिए। (pegasus spyware download for windows 10 free download)

  • जब कभी आप इंटरनेट पर कोई भी जानकारी सर्च करते है तो केवल विश्वसनीय वेबसाइट या सिक्योर्ड वेबसाइट (https वाला वेबसाइट) पर ही क्लिक करें।

  • इंटरनेट बैंकिंग या कोई भी सोशल मीडिया नेटवर्क पर कार्य पूरा होने के तुरंत लॉग आउट करें।

  • जब कभी पासवर्ड टाइप करते है तो उसके बाद ‘रिमेंबर’ पासवर्ड या ‘कीप लॉगइन’ जैसे ऑप्शन पर क्लिक न करें।

  • पब्लिक wifi से कभी भी कनेक्ट नहीं होना चाहिए और साइबर कैफे, ऑफिस या सार्वजनिक सिस्टम पर बैंकिंग लेन-देन या किसी प्रकार का लॉग इन न करें।
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  • अपने एकाउंट्स की पासवर्ड जन्मतिथि या अपने नाम जैसे साधारण पासवर्ड न बनाएँ, पासवर्ड में हमेशा लेटर, नंबर और स्पेशल कैरेक्टर का मिश्रण रखें या hash पासवर्ड इस्तेमाल करें। hash password जेनेरेट करने के गूगल पर hash password generator tools लिख कर सर्च करें। 

  • सभी प्रकार के एकाउंट्स, सोशल मीडिया, e-Mail, बैंकिंग इत्यादि के पासवर्ड अलग-अलग रखें। हमेशा बैंक के दिशा-निर्देशों का अच्छी और पूरी तरह से पालन करें। बैंक की तरफ से आए किसी भी तरह के ऑफिसियल अलर्ट मेसेज को कभी भी नज़रअंदाज़ न करें और नियमित अंतराल पर अपने डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड का पिन नंबर बदलते रहें।

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